Sunday, March 16, 2014

Insaan



बहुत देखे हैं लोग वैसे 
रुतवा ,शोहरत ,दौलत ,ईज़ज़त के पीछे भागने वाले 
पर ना मिला अब तक ऐसा कोई 
इनको बांटने वाला 

अरे जाओ !
तुम भी कमाल करते हो 
इंसानो में भगवान ढूंढते हो 
कोयला भी कभी सफ़ेद हुआ हैं ?

रंग काला ही सही 
पर काम तो आता हैं 
भले ही जलके ख़ाक हो जाता हैं 

हम भी तो वैसे ही हैं !
जब तक जीते हैं 
जानवर बने रहते हैं 
मरके ही तो हम
अपनी इंसानियत 
दूसरो के यादों को दे जाते हैं। 

कुछ थे 
जो  अच्छा करने चले थे 
पर उनको लोगो ने जीते जि भगवान बना दिया
क्या करें 
हमें खुद ही यकीन नहीं 
कि  इंसान भी कुछ अच्छा कर सकता हैं


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